हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज हम आपसे बात करने वाले हैं कि भारत का अंतिम गांव कहां है? आप लोगो के मन में यह प्रश्न जरूर आता होगा।
इस आर्टिकल में आपको भारत के अंतिम गांव की पूरी जानकारी दी जाएगी। भारत का अंतिम गांव कहां है, भारत का अंतिम गांव कौन से राज्य में है?
भारत का अंतिम गांव कौन से राज्य में है?
भारत का अंतिम गांव उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में (स्थित) है और इस गांव का नाम माणा है। माणा गांव बद्रीनाथ से 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। भारत का अंतिम गांव माणा, तिब्बत चीन सीमा से लगता है और इस गांव में सरस्वती नदी बहती है।
वेदों में लिखा है कि सरस्वती नदी यमुना नदीऔर सतजल नदी के बीच पूर्व में पश्चिम की तरह बहती थी।
पुराणों में कहा गया है “कि सरस्वती नदी अलकनंदा में सम्मिलित नहीं होती है बल्कि विलुप्त हो जाती है”।
भारत का अंतिम गांव |
भारत के अंतिम गांव (माणा)के बारे में कुछ रोचक तथ्य ओर जानकारियां इस प्रकार है
पुराणों में कहा गया है कि पांडव स्वर्गारोहिनी के लिए माणा गांव से जा रहे थे, लेकिन द्रोपति सरस्वती नदी को पार नहीं कर पा रही थी। पांडवों ने सरस्वती नदी से आग्रह किया कि कृपया रास्ता दे, लेकिन सरस्वती नदी नहीं मानी, पांडवों में सबसे शक्तिशाली भीम थे। उन्होंने सरस्वती नदी के ऊपर एक बड़ा सा पत्थर रख दिया, जो आज भीमपुल के नाम से विख्यात है।
सरस्वती नदी के किनारे सरस्वती माता का मंदिर भी है और हिंदुस्तान की दो अंतिम दुकानें भी स्थित है।
गणेश गुफा और व्यास गुफा भी भारत के अंतिम गांव माणा में स्थित है।
भारत की अंतिम गांव माणा कैसे जा सकते हैं?
दोस्तों अगर आप भारत के अंतिम गांव माणा जाना चाहते हैं तो आप इस प्रकार जा सकते हैं-
1 जब उत्तराखंड में बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं, आप उस समय चमोली में स्थित भारत के अंतिम गांव माणा जा सकते हैं।
2 भारत के अंतिम गांव माणा जाने के लिए आप देहरादून से चमोली के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बस पकड़ सकते हैं, चमोली में उतरने के बाद आप भारत के अंतिम गांव माणा के लिए टैक्सी ले सकते हैं।
3 अगर आप दूसरे राज्य से हैं और भारत के अंतिम गांव माणा आना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको उत्तराखंड की राजधानी देहरादून आना होगा।
भारत के अंतिम गांव माणा किस मौसम में जाना चाहिए?
अगर आप सोच रहे हैं कि आप भारत के अंतिम गांव माणा जाना चाहते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें, आप भारत की अंतिम गांव माणा अप्रैल और मई के मौसम में यानी कि गर्मियों के मौसम में जा सकते हैं।
नवंबर और दिसंबर के मौसम में भारत के अंतिम गांव माणा में बर्फ पड़ जाती है और बरसात के मौसम के समय पर यहां पर काफी भूस्खलन हो जाता है।
आपको भारत के अंतिम गांव माणा गर्मियों के मौसम में ही जाना चाहिए।
भारत का अंतिम गांव कितनी ऊंचाई पर बसा है?
भारत का अंतिम गांव उत्तराखंड के चमोली जनपद स्थित हैं। माणा गांव की समुद्र तल से (ऊंचाई 19.000 फुट) है व (7272) मीटर की ऊंचाई पर बसा है।
भारत का अंतिम गांव माणा कौन से देश से अंतर्राष्ट्रीय सीमा बनाता है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें भारत का अंतिम गांव माणा चाइना के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता है।
माणा गांव की कुछ सीमाएं तिब्बत से मिलते हैं।
चमोली और तिब्बत को आपस में कुछ दर्रे जोड़ते हैं जिनका नाम किंगरी बिंगरी, बालचा, चोरहोती, डोंगरीला नीति, लमलंग माणा और नीति यह सभी दर्रे तिब्बत और चमोली को जोड़ते हैं।
भारत के अंतिम गांव के लोग कैसे जीवन यापन करते हैं?
भारत के अंतिम गांव माणा के लोगों का जीवन यापन पर्यटन और औषधि तथा स्वरोजगार के द्वारा होता है।
माणा गांव की ज्यादातर आए पर्यटकों द्वारा अर्जित होती है, और यहां की महिलाएं सिलाई बुनाई करके अपनी आय अर्जित करती है। भारत के अंतिम गांव माणा में बहुत सारी औषधि भी होती हैं यहां पर भोजपत्र के वृक्ष काफी मात्रा में होते हैं।
FAQ
भारत का अंतिम गांव कहां है?
भारत का अंतिम गांव uttrakhand के चमोली जिले में स्थित है।
भारत के अंतिम गांव का kya नाम है?
भारत के अंतिम गांव का name माणा है।
अन्तिम शब्द
इस आर्टिकल में आपको भारत के अंतिम गांव माणा के बारे में थोड़ी जानकारी दी गई है।