सन 1919 के अधिनियम जांच के लिए सरकार ने 2 वर्ष पूर्व ही सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में एक आयोग स्थापित किया इस कमीशन में कुल 7 सदस्य थे और वे सभी अंग्रेज थे। 8 फरवरी 1928 मे कमीशन मुंबई में आया और उसका व्यापक विरोध किया गया। इस दिन सारी देश में साइमन कमीशन गो बैक के नारे लगाए गए। जब कमीशन लाहौर पहुंचा तो इसके विरुद्ध लाल लाजपत राय के नेतृत्व में एक विशाल जुलूस निकाला गया। दुर्भाग्यवश इसी समय पुलिस अधिकारी मिस्टर सांडर्स ने लालाजी की छाती पर लाठी मार दी जिसके कारण उनका कुछ दिनों में निधन हो गया। दिल्ली, लखनऊ साइमन गो बैक के नारे लगे। लखनऊ में नेहरू और गोविंद बल्लभ पंत लाठीचार्ज का शिकार हुए।
साइमन गो बैक का नारा युसूफ महरौली ने गढ़ा था।
प्रबल विरोध के बावजूद साइमन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट सरकार के समक्ष प्रस्तुत की 2 मई 1930 को प्रकाशित हुई।
साइमन कमीशन की रिपोर्ट में मुख्य सिफारिशें निम्नलिखित थी:-
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प्रांतों में प्रचलित द्वैध शासन प्रणाली का अंत और उसके स्थान पर स्वायत्त शासन प्राणी को लागू कर दिया जाएगा।
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प्रांतों के विधान मंडलों का विस्तार किया जाए।
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संप्रदायिक प्रतिनिधित्व को पूर्ववत जारी किया जाए।
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केंद्र ने पहले की तरह ही अनुउत्तरदायित्व सरकार बनी रहे।
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एक वृत्त भारत की स्थापना की जाए, जिसमें ब्रिटिश प्रांतों तथा देशी रियासतों की प्रतिनिधि शामिल हो।
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केंद्रीय व्यवस्थापिका सभा का दूबारा गठन किया जाए।
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भारत में मताधिकार का विस्तार किया जाए तथा देश के कम से कम 10 से 15% जनसंख्या मताधिकार कर सकती है।
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कमीशन ने के भारतीकरण की आवश्यकता को स्वीकार किया, परंतु कुछ समय तक अंग्रेज सैनिकों की भारत में उपस्थिति मान्यता दी जाए।
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कमीशन ने गवर्नर जनरल के विशेष शक्तियों को पूर्वक बहाल रखा।
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कमीशन ने सिफारिश की कि भारत सचिव को परामर्श देने के लिए भारत परिषद को कायम रखा जाए परंतु इसकी शक्ति सीमित कर दी जाए।
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कमीशन ने कुछ बड़े प्रांतों के विभाजन का सुझाव दिया।
साइमन कमीशन की सारी बातों का भारत में बहुत तेजी से विरोध हुआ क्योंकि इस कमीशन में कोई भी सदस्य भारतीय नहीं थे। 1919 के अधिनियम में हर 10 वर्ष बाद जांच होनी थी, 1919 के अधिनियम का भी भारत में जोरों शोरों से विरोध किया गया था।
साइमन कमीशन भारत क्यों आया था?
साइमन कमीशन 1919 के अधिनियम की जांच करने के लिए हर 10 वर्षों बाद एक कमीशन को भारत आना था और इस कमीशन की अध्यक्षता साइमन ने की थी।
साइमन कमीशन का गठन कब हुआ था?
साइमन कमीशन का गठन 1927 में हुआ था और 1928 में साइमन कमीशन भारत पहुंचा था।
लाला लाजपत राय की मृत्यु कब हुई थी?
साइमन कमीशन के विरोध के दौरान लाहौर में लाठीचार्ज के कारण 17 नवंबर 1928 को लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई थी।
सांडर्स कौन था?
सांडर्स एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी था जिसने साइमन कमीशन के विरोध के समय लाला लाजपत राय के ऊपर लाठीचार्ज किया था जिसके कारण लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई थी।
भगत सिंह ने सांडर्स की हत्या क्यों की?
सांडर्स ने साइमन कमीशन विरोध के दौरान लाठीचार्ज किया था जिसमें लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई थी जिसका बदला लेने के लिए भगत सिंह ने सांडर्स की गोली मारकर हत्या कर दी।
भगत सिंह को फांसी की सजा कब दी गई?
सांडर्स की हत्या के कारण भगत सिंह को 23 मार्च 1931 में अंग्रेजों द्वारा फांसी दे दी गई थी, उनके दोनों दोस्त सुखदेव और राज गुरु भी शामिल थे।
भारत में साइमन कमीशन के दौरान इंग्लैंड के प्रधानमंत्री कौन थे?
1928 में साइमन कमीशन भारत आया और उस समय इंग्लैंड के प्रधानमंत्री इटली थे।