विश्व के इतिहास में फ्रांस की क्रांति ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। फ्रांस की क्रांति से दुनिया की और देशों में क्रांति शुरू हो गई थी।
फ्रांस में क्रांति क्यों हुई थी
क्रांति से पूर्व फ्रांस में फ्रांस की राजनीतिक दशा और सामाजिक दशा खराब हो रही थी।
फ्रांस में सारी शक्ति राजा के पास थी और फ्रांस में राज्य का दोषपूर्ण संगठन और अव्यवस्थित शासन था। राजा राज महलों में शान शौकत और विलासिता पूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा था।
वहीं दूसरी ओर फ्रांस का समाज कई भागों में बांटा था जैसे बड़े-बड़े पादरी, और छोटी पादरी धार्मिक रूप से आपस में बैठे थे। और वहीं दूसरी ओर सामंती समाज दो भागों में बांटा था एक सैनिक सामंत और दूसरे न्यायिक सामंत यह हैसियत की दृष्टि में तथा विचारों की दृष्टि से अपने आप में भिन्न थे।
वहीं तीसरी और जनसाधारण वर्ग भी तीन भागों में बांट था
1 मध्यमवर्ग, इस वर्ग में वे लोग सम्मिलित थे । जिन्हें हाथ से परीक्षण नहीं करना पड़ता था। जैसे वकील, चिकित्सक, अध्यापक ,साहित्यकार और व्यापारी इस वर्ग में शामिल थे। शिक्षित और धनी होने के कारण यह लोग प्रचलित व्यवस्था से असंतुष्ट थे।
2 दस्तकार व शिल्पी वर्ग, इनकी संख्या लगभग 25 लाख के आसपास थी। इनकी अपने नियम और विशेषाधिकार थे।
3 किसान वर्ग , इनकी संख्या सबसे अधिक थी लेकिन इनका जीवन दुखी था राज्य ने इन पर अनेक कर लगाए थे। अर्थदास किसानों को बेकार देनी पड़ती थी।
क्रांति से पूर्व फ्रांसीसी समाज इस प्रकार था। इन सभी वर्गों में राज्य के प्रति असंतोष था।
सभी वर्गों में असंतोष होने के कारण फ्रांस में 1789 क्रांति शुरू हो गई।
फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य कारण क्या थे
राजनीतिक कारण
फ्रांस की क्रांति में मुख्य राजनीतिक कारण ही थे जैसे
राजा की निरंकुशता और उसका चरित्र
राजा स्वयं को राज्य मानता था वह अपनी सारी शक्ति का उपयोग जनता के कल्याण में ना लगा कर व्यक्तिगत अभिलाषा के लिए पूर्ति करता था। लुई 14 वे ने यह तक कह दिया था कि मैं ही राज्य हूं। लुइ 16 आयोग उत्तराधिकारी सिद्ध हुआ। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ्रांस की शाखा बहुत नीचे गिर गई।
2 रानी का विनाशकारी चरित्र
लुइ 16 की रानी महान सम्राट मेरादा थेरेसा की पुत्री थी। दोनों का विवाह इस आशय से कराया था कि दोनों राज्यों में दीर्घकाल से चली आ रही शत्रुता को समाप्त करके दोनों के बीच एकता स्थापित की जाएगी किंतु अनेक फ्रांसीसी इस संबंध की हर बात से घृणा करते थे।
3 निरंकुश वारंट प्रथा
गिरफ्तारी पत्र द्वारा किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाता है। राजा यह पत्र या वारंट अपने रिश्तेदारों, कर्मचारियों और कृपा पात्र को देता था। इस पत्र से नानी रूप से किसी को भी बंदी बनाते हैं दंडित करते थे।
4 राजनीतिक मशीनरी और कानूनी अराजकता
फ्रांस सामंती व्यवस्था से राजतंत्र की ओर बढ़ चुका था एक के बाद एक सभी प्रांतों को राजा ने हथिया लिया था। फल स्वरूप सामंत अपनी क्षति पूर्ति के लिए हर प्रकार के शोषण में लगे थे। क्रांति के समय जब लोगों ने राजा से प्रार्थना की हमारे पास रोटी नहीं है हम भूखे हैं, तो फ्रांस की महारानी ने उत्तर दिया तुम के क्यों नहीं खाते हो?
5 विदेश नीति में असफलता
लुइ16 के दोनों सम्राट के काल में अंग्रेजों ने फ्रांस के सभी उपनिवेश को छीन लिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ्रांस की छवि को बहुत क्षति पहुंची।
सैनिक शासन की विकृतियां
सेना के उच्च पद कुलीन के लिए थे। इन्हीं कारणों से सैनिकों में भी असंतोष था।
सामाजिक और धार्मिक कारण
1 असमानता फ्रांसीसी समाज दो वर्गों में बैठा था एक सुविधा प्राप्त और दूसरे सुविधा हीन। सुविधा प्राप्त वर्ग को बहुत अधिकार प्राप्त है लेकिन सुविधा हीन वर्ग के उत्तरदायित्व अधिक थे।
2 सामंतों के अत्याचार
फ्रांस में राज्य परिवार के बाद सामंतो का स्थान था । ये लोग खूब ठाट बाट से रहते थे। यह सभी उच्च पदों पर होते थे। फ्रांस में सामंती अत्याचार से सर्वसाधारण वर्ग बहुत ही दुखी था।
3 पादरियों की विलासिता
पादरियों में जो बड़े पादरी होते थे। विलास दुराचार और दरबारी संयंत्रों में ही समय व्यतीत करते थे उन्हें धार्मिक कर्तव्यों की चिंता नहीं थी। परंतु छोटे पादरी अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करते थे। वेतन कब मिलता था इस कारणन उनका जीवन व्यतीत नहीं हो पाता था। इनकी दयनीय अवस्था से उन्हें दृष्टि से देखा जाता था। क्रांति के समय छोटे पादरियों ने निम्न वर्ग का साथ दिया।
मध्यमवर्ग यह वर्ग शासन पद्धति से नहीं थी क्रांति में महत्वपूर्ण योगदान था।
आर्थिक कारण
राजाओं द्वारा धन का अपव्यय तथा युद्ध में भाग लेने की वजह से फ्रांस की आर्थिक हालत दयनीय हो हो गई थी। सरकार पर 60 करोड़ का ऋण था। जिस पर ब्याज देना था। मध्यम वर्ग के लोग जो सरकार को ऋण देते थे वे व्याकुल हो उठे। सरकार ने आप और किसानों से कर वसूलने शुरू कर दिए। जिससे जनता आक्रोश में थी। लुई 16 के समय सुधार के प्रयत्न किए गए लेकिन वह सफल नहीं हो पाए थे।
वहीं दूसरी ओर फ्रांस ने अमेरिका युद्ध में भाग लिया था। जिससे उसे बहुत हानि हुई।
अकाल
1788 में फसलों के नष्ट हो जाने से फ्रांस में भयंकर अकाल पड़ गया। लोगों को भुखमरी और संकट का सामना करना पड़ा। तंग आकर लोगों ने वर्साय की महल की ओर शुरू किया। वे राजा तथा उसके परिवार को घसीटते हुए पेरिस ले आए।
स्टेट जनरल का बुलावा
अति तत्कालीन कारण यही था स्टेट जनरल का बुलाया जाना। जो बताया जा चुका है कि वित्तीय मामले के संदर्भ में पार्लियामेंट स्टेट जनरल के अधिवेशन को बुलाने की मांग पर अटल थी। राजा को अंत में झुकना पड़ा। उसे 1788 के अंतिम दिनों में एक स्टेट जनरल का अधिवेशन बुलाने की बात मान ली। स्टेट जनरल के चुनाव के हो गए 5 मई 1789 में इन सभी का ऐतिहासिक अधिवेशन प्रारंभ हुआ और यहीं से क्रांति का शुभारंभ हुआ।
फ्रांस में 1830 और 1848 में क्रांति हुई।