ATM ka full form |
आजकल अधिकतर लोग बैंक में जाने की वजह एटीएम से पैसे निकाल लेते हैं और एटीएम के जरिए पैसे अपने अकाउंट में जमा कर देते हैं। ATM का प्रयोग हम अपने रोज की जिंदगी में करते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको ATM ka full form के बारे में और एटीएम के बारे में पूरी जानकारी बताएंगे।
ATM का इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जाता है और दुनिया के हर देश में से अलग नाम से जाना जाता है। Canada में ATM को ऑटोमेटिक बैंकिंग मशीन के नाम से जाना जाता है और अन्य देशों में इसे कैश मशीन, मिनी बैंक के नाम से जाना जाता है।
ATM ka full form एटीएम का फुल फॉर्म हर एक एग्जाम में पूछा जाता है। यह आर्टिकल आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण रहेगा।
ATM एटीएम क्या है
एटीएम एक प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसका प्रयोग हम पैसे निकालने के लिए या वित्तीय लेनदेन के लिए करते हैं। एटीएम ने वित्तीय सुविधा को बहुत आसान बना दिया है आप लोगों को बैंक जाने की आवश्यकता नहीं है एटीएम के द्वारा ही सारे काम हो जाते हैं। एटीएम कार्ड में बैंक द्वारा उपलब्ध होता है और इस कार्ड की सारी जानकारी बैंक के पास होती है। एटीएम कार्ड प्लास्टिक से बना होता है। एटीएम कार्ड के द्वारा ही हम सारे वित्तीय लेनदेन करते हैं।
एटीएम का हिंदी फुल फॉर्म
स्वचालित टेलर मशीन है।
ATM का पूरा नाम है
ऑटोमेटिक टेलर मशीन Automated teller machine है।
एटीएम का आविष्कार जॉन शेफर्ड बैरन ने किया।
भारत का पहला ATM हांगकांग और शंघाई बैंक द्वारा 1987 में केरल में स्थापित किया गया।
दुनिया का पहला ATM इंग्लैंड की राजधानी लंदन में Barcyal बैंक द्वारा 1967 में स्थापित किया गया।
दुनिया का फर्स्ट floating एटीएम भारतीय स्टेट बैंक ने केरल में स्थापित किया।
एटीएम का प्रयोग करने वाला दुनिया का पहला व्यक्ति
दुनिया के प्रसिद्ध रेग वर्नी कॉमेडी अभिनेता ने एटीएम से पैसे निकाले थे।
एटीएम कितने प्रकार के होते हैं
एटीएम दो प्रकार के होते हैं ऑफलाइन एटीएम और ऑनलाइन एटीएम।
ऑनलाइन एटीएम बैंक के डाटा से 24 घंटे तक जुड़ा रहता है। आप अपने खाते से ज्यादा पैसे नहीं निकाल सकते हैं।
ऑफलाइन एटीएम यह बैंक के डेटाबेस से जुड़ा नहीं होता है और इसके लिए आपके पास खाते की शेष जानकारी नहीं रहती है। अगर आप इसे atm से शेष राशि निकालते हैं तो आपके ऊपर कुछ जुर्माना लग सकता है।
ऑनसाइट एटीएम यह बैंक के अंदर होता है और इसी को ऑनसाइट एटीएम के नाम से जाना जाता है।
ऑफसाइट एटीएम ये एटीएम बैंक के बाहर विभिन्न स्थानों पर होते हैं।
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एटीएम में कितने पार्ट होते हैं
एटीएम में दो प्रकार की पार्ट होते हैं आउटपुटऔर इनपुट।
ATM ka full form
इनपुट डिवाइस
जब हम अपने एटीएम कार्ड को एटीएम मशीन पर डालते हैं तो वह हमारा सारा डाटा एकत्रित कर लेता है और वेरिफिकेशन के लिए सर्वर को भेजता है उसके बाद ही हम अपनी एटीएम कार्ड से पैसे निकाल सकते हैं।
कीपैड अपने एटीएम कार्ड के नंबर को और नाम की राशि को कीपैड में डालते हैं तो बहुत सारा डाटा हमारा इनपुट हो जाता है।
आउटपुट डिवाइस
आउटपुट डिवाइस
आउटपुट डिवाइस में स्क्रीन, प्रिंट स्लिप, और कैश डिपॉजिट आते है। इनके जरिए हमें जानकारी मिल पाती है।
ATM ka full form
एटीएम मशीन कैसे वर्क करती है
हमें बैंक के द्वारा एक एटीएम कार्ड प्रदान किया जाता है और एटीएम कार्ड को हम एटीएम मशीन में डालने कर अपने अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं । इसके लिए कुछ प्रक्रिया करनी पड़ती है।
सबसे पहले हमको अपने बैंक में जाकर एटीएम कार्ड के लिए अप्लाई करना होता है।
दिन के अंतर्गत हमारा एटीएम कार्ड आ जाता है। एटीएम कार्ड से पैसे निकालने से पहले हमें एटीएम कार्ड का पिन बनाना पड़ता है उसके बाद हम अपने अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं।
एटीएम कार्ड को एटीएम के साइड में अपना एटीएम कार्ड डालना होता है उसके बाद हमें अपना पिन नंबर, अपना सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट और अपनी अमाउंट राशि डालनी पड़ती है।
नि अंतिमअन्तिमष्कर्ष
इस आर्टिकल से आपको ATM ka full form पता चल गया होगा।
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