हर साल 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन विद्यार्थियों को गांधी जयंती पर दो हजार शब्दों का निबंध, 1000 शब्दों का निबंध, 150 शब्दों का निबंध लिखना होता है।
महात्मा गांधी जी को पूरे विश्व में अहिंसा का जन्मदाता माना जाता है और गांधी जी के द्वारा अहिंसक शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले किया गया था। हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है।
गांधी जयंती पर महात्मा गांधी के ऊपर 1000 शब्दों का, 200 शब्दों का, 500 शब्दों का, 150 शब्दों का ,300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए आता है।
2 अक्टूबर के दिन भारत में नहीं बल्कि विश्व में गांधी जी को याद किया जाता है क्योंकि इन्होंने भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्र किया था भारत में नहीं अभी तो दक्षिण अफ्रीका में भी गांधीजी ने अहिंसा के माध्यम से प्रथम सत्याग्रह किया था।
महात्मा गांधी जी पर 1000 शब्दों का निबंध
गांधीजी के ऊपर 1000 शब्दों का निबंध आता है और आप 1000 शब्दों का निबंध इस प्रकार लिख सकते हैं।
परिचय गांधीजी को अहिंसा का पुजारी और भारत के स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जाना जाता है। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 गुजरात के पोरबंदर नाम किस स्थान पर हुआ था और यह एक साधारण परिवार से संबंध रखते थे।
महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था और इनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था।
गांधी जी का शिक्षा परिचय गांधीजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई से अल्फ्रेड स्कूल से की थी इसके बाद बाल्यावस्था में इनका विवाह कर दिया गया और इसके बाद 1887 में मुंबई यूनिवर्सिटी से उन्होंने अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की और उन्होंने गुजरात के समलदास कॉलेज में दाखिला लिया गांधी की बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहते थे इनका परिवार वैष्णव धर्म को मानता था जहां मनुष्य के शरीर से खिलवाड़ करना अपराध माना जाता था।
इनका परिवार इन्हें बचपन से ही बैरिस्टर बनाना चाहता था इसलिए उन्होंने 1888 में गांधी जी को लंदन भेज दिया।
इनर टेम्पल कॉलेज लंदन से इन्होंने वकालत की पढ़ाई पूरी की और 1890 में अपने देश वापस लौट गए। अंग्रेजों ने उस समय गांधीजी को भारत में वकालत नहीं करनी थी जिसके कारण वह दक्षिण अफ्रीका चले गए लेकिन वह अंग्रेजों के अत्याचार से बहुत ही ज्यादा क्रोधित हुए।
गांधीजी का दक्षिण अफ्रीका में योगदान – गांधीजी ने भारत से पहले दक्षिण अफ्रीका में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है उन्होंने सबसे पहले सत्याग्रह आंदोलन दक्षिण अफ्रीका में चलाया।
दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों और अश्वेत लोगों के साथ पूरा व्यवहार होता था और गांधी जी ने निश्चय किया था कि वह अंग्रेजों के प्रति लड़ेंगे। दक्षिण अफ्रीका की लोकल ट्रेन में भी गांधी जी का अपमान अंग्रेजों द्वारा कई बार किया गया था।
दादा अब्दुल्ला नामक व्यक्ति ने गांधीजी को मुकदमा लड़ने के लिए दक्षिण अफ्रीका में आमंत्रित किया था और गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में नटाल इंडियन संगठन की स्थापना की।
दक्षिण अफ्रीका में 7 वर्ष तक अंग्रेजों के विरुद्ध सत्य और हार की लड़ाई लड़ी थी। जनवरी 1915 में गांधीजी अपने देश वापस लौट जाएं।
भारतीय स्वतंत्रता में गांधीजी का योगदान गांधी जी के आगमन से भारतीय राष्ट्रीय वाद का तीसरा दौर शुरू हो गया था और 1915 में गांधी जी भारत आए थे इसके बाद उन्होंने 1916 में अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की स्थापना की। गांधीजी का प्रथम सत्याग्रह भारत में रण में नील खेती के अत्याचारों के विरोध में शुरू किया गया था। गांधीजी रौलट एक्ट जलिया वाले बाग हत्याकांड से बहुत ही दुखी हुए।
इसलिए उन्होंने 1920 में कांग्रेस से अन्याय सरकार के खिलाफ असहयोग प्रस्ताव पारित किया। 1921 में सविनय अवज्ञा आंदोलन प्राप्त हुआ और इसके बाद स्वतंत्रता प्राप्ति तक गांधी जी राजनीतिक जीवन में बहुत सक्रिय रहे।
गांधी जी ने 1919 में खिलाफत कमेटी का गठन करने में मदद की और खिलाफत आंदोलन में मुसलमानों का सहयोग दिया।
इन्होंने चोरा चोरी कांड 5 फरवरी 1922 के कारण असहयोग आंदोलन वापस ले लिया क्योंकि गांधी जी ने कहा था कि असहयोग आंदोलन हिंसक तत्वों पर आधारित रहेगा लेकिन चोरा चोरी कांड में हिंसक नहीं हुई थी।
1928 में लाहौर अधिवेशन में गांधीजी के सुझाव पर पूर्ण स्वराज प्रस्ताव किया गया और इसके बाद 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
सविनय अवज्ञा गांधी जी ने 1930 से 1934 तक चलाया और राष्ट्रीय आंदोलन को जोड़ने के लिए इस आंदोलन को शुरू किया गया था और गांधी जी ने मार्च 1930 में दांडी यात्रा के साथ नमक कानून बंद कर का बनाया था और 1932 में अधिकांश बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया था।
1940 के अगस्त प्रस्ताव का गांधीजी ने कड़ा विद्रोह किया था।
1942 में अगस्त प्रस्ताव और क्रिप्स मिशन की असफलता के बाद राष्ट्रीय सरकार की स्थापना की मांग को आसिफ कार के जाने के बाद कांग्रेस ने मुंबई में विशेष अधिवेशन 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव रखा और मुंबई की ग्वालियर टैंक मैदान में लोगों ने करो या मरो का नारा दिया 9 अगस्त की सुबह सभी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
गांधी जी के द्वारा इन सभी आंदोलन को चलाने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया लेकिन गांधी जी की शिष्य नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर हत्या कर दी और 30 जनवरी को हर साल शहीद दिवस मनाया जाता है।
गांधीजी के आर्थिक विचार – गांधीजी स्वदेशी निर्मित वस्तुओं को सबसे ज्यादा महत्व देते थे इसलिए उनका उद्देश्य था कि भारत में प्रति उद्योगों की स्थापना। गांधीजी ने चरखा कात के स्वयं उदाहरण दिया था कि कोई भी व्यक्ति स्वदेशी निर्मित वस्तुओं को बना सकता है।
उपसंहार
स्वर्गीय महात्मा गांधी जी ने भारत को आजाद कराने के लिए महत्वपूर्ण आंदोलन किए और किसानों का भी उन्होंने साथ दिया था। उन्होंने अपनी सभी आंदोलन में अहिंसा की बात की गई थी और अहिंसा के तत्वों के माध्यम से उन्होंने कई सारे बड़े आंदोलन किए। अंत में गांधीजी को सफलता प्राप्त हुई और भारत देश आजाद हो गया। इसलिए गांधी जी की सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक कार्य के लिए उनके जन्मदिवस पर गांधी जयंती मनाई जाती है।
पूरा नाम | मोहनदास करमचंद गांधी |
जन्मतिथि | 2 अक्टूबर 1869 |
जन्मस्थान | पोरबन्दर गुजरात भारत |
पिता व माता का नाम | करमचंद गांधी ओर माता का नाम पुतलीबाई गांधी |
पत्नी का नाम | कतुरबा गांधी |
बच्चो का नाम | हरिलाल ,मणि लाल,रामदास गांधी |
शिक्षा | वकालत |
धर्म | वैष्णव धर्म |
उपाधि | महात्मा |
योगदान | असहयोग आंदोलन, नमक कानून तोड़ा, अंग्रोजो के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन |
पुस्तक | यंग इंडिया, हिन्द स्वराज |
मृत्यु | 30 जनवरी 1948 |
महात्मा गांधी जी पर 500 शब्दों का निबंध
परिचय
भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था और उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था।
गांधी जी का परिवार वैष्णव धर्म को मानता था और इन पर जैन धर्म का प्रभाव था इसलिए यह अहिंसक शत्रु पर ज्यादा ध्यान देते थे।
शिक्षा
इन्होंने उच्च शिक्षा इंग्लैंड से प्राप्त की है गांधी जी ने लंदन के कॉलेज से वकालत की पढ़ाई की थी और 1890 में हो अपने देश वापस आ गए। अंग्रेजों के अत्याचार से बहुत ही ज्यादा दुखी थी और इसके बाद वह दक्षिण अफ्रीका चल गई दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने अपना प्रथम सत्याग्रह अंग्रेजो के खिलाफ ही चलाया था।
भारत की स्वतंत्रता में बापू जी का योगदान
गांधी जी को हम स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदान के लिए याद करते हैं गांधी जी ने भारतीयों को अंग्रेजों से स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। 1917 से लेकर 1942 तक गांधीजी ने भारत में महत्वपूर्ण आंदोलन चलाए। गांधी जी ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन चलाया और करो या मरो का नारा दिया।
गांधीजी के आर्थिक विचार
गांधीजी ने विदेशी वस्तु का त्याग कर स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की बात कही थी और गांधी जी स्वयं चरखा कटते थे। गांधीजी ने अर्थव्यवस्था को सर्वोदय मॉडल पर आधारित माना था।
गांधी जी का साहित्य में योगदान
गांधी जी ने साहित्य के क्षेत्र में भी पूर्ण योगदान दिया था उन्होंने कई सारी पुस्तकें लिखी थी। हिंद स्वराज और यंग इंडिया गांधी जी की महत्वपूर्ण पुस्तक है।
महिलाओं के विकास में गांधीजी का योगदान
गांधी जी ने महिलाओं के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया उन्होंने महिलाओं को अंग्रेजो के खिलाफ लड़ना सिखाया और अपने आश्रम में कई सारी महिलाओं को संरक्षण दिया।
गांधी जी की मृत्यु
गांधीजी के शिष्य नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर हत्या कर दी थी और इसी तरह गांधी जी का जीवन देश को आजाद होने के 5 महीने बाद समाप्त हो गया।
महात्मा गांधी जी पर 300 और 400 शब्दों का निबंध
महात्मा गांधी जी पर 2 अक्टूबर को 300 और 400 शब्दों का निबंध लिखने के लिए कहा जाता है आप नीचे दिए गए फॉर्मेट के हिसाब से 300 और 400 शब्दों का निबंध लिख सकते हैं।
गांधी जी का जन्म परिचय
इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। पिताजी का नाम करमचंद गांधी और माता जी का नाम पुतलीबाई था और बचपन से ही इन पर जैन धर्म का प्रभाव था। गांधी जी को लोग प्यार से बापू नाम से पुकारते थे।
गांधीजी का शैक्षिक जीवन
गांधीजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गुजरात से की थी। गांधी जी बचपन में डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन इनके घरवाले वकालत कराना चाहते थे और इन्हें वकालत के लिए इंग्लैंड भेज दिया गया था और 1890 में इंग्लैंड से वापस इंडिया आए।
1890 में इंग्लैंड से भारत आने के बाद इन्होंने अंग्रेजों का अत्याचार देखा और 1890 के बाद यो दक्षिण अफ्रीका चले गए और उन्होंने वहां पर वकालत की प्रैक्टिस की और इसी दौरान उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन भी चलाया।
बापू जी का राजनीतिक जीवन
महात्मा गांधी जी का राजनीतिक जीवन 1915 में आरंभ होता है जब आप भारत में आते हैं 1916 में उन्होंने साबरमती आश्रम की स्थापना की थी और इसके बाद उन्होंने बिहार के चंपारण में तीन कठिया प्रणाली के खिलाफ अपना प्रथम सत्याग्रह चलाया और खेड़ा में गांधी जी ने अपना प्रथम सत्याग्रह आंदोलन चलाया था।
अंग्रेजो के खिलाफ कई सारी आंदोलन चलाए थे 1919 में रौलट एक्ट और जलियांवाला बाग के खिलाफ असहयोग आंदोलन चलाया और इसके बाद नमक कानून तोड़ने के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन। गांधी इरविन समझौता के बाद गांधीजी ने तृतीय गोलमेज सम्मेलन में प्रतिभाग किया।
1932 में अंबेडकर जी और गांधीजी में पूना पैक्ट हुआ था इसके बाद 1942 में गांधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया इस तरीके से उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत को आजाद कराने में लगा दिया।
गांधी जी का आर्थिक और साहित्यिक जीवन
गांधीजी ने कुटीर उद्योग की स्थापना पर बल दिया और सूर्य उदय योजना का प्रारंभ किया इसके अलावा गांधी जी ने अपने साहित्यिक जीवन में भी काम किया उन्होंने कई सारी पुस्तकें लिखी थी जैसे अनामिका यंग इंडिया आदि।
गांधी जी की मृत्यु
गांधी जी की मृत्यु 30 जनवरी 1948 को उनके शिष्य नाथूराम गोडसे के द्वारा गोली मारकर कर दी गई थी। जिसके कारण पूरे भारत में शोक की लहर उत्पन्न हो गया था।
उपसंहार
मोदी जी ने गांधी जी के सपने को पूरा करने के लिए 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा की।
गांधीजी के योगदान कारण 2 अक्टूबर को गांधी जी के जन्मदिवस पर गांधी जयंती देश के सभी राज्य में मनाई जाती है।
महात्मा गांधी जी पर 200 शब्दों का निबंध
परिचय – महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहन चंद्र करमचंद गांधी जी था और लोग उन्हें प्यार से बापू कहकर बुलाते थे। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर को हुआ था जिसके कारण 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है।
शिक्षा – गांधीजी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुजरात से की थी और इसके बाद उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई मुंबई विश्वविद्यालय से की और ग्रेजुएशन के लिए उन्होंने गुजरात महाविद्यालय में प्रवेश लिया। वकालत की पढ़ाई करने के लिए 1888 में लंदन चले गए।
दक्षिण अफ्रीका का दौरा गांधीजी 1890 में भारत वापस लौट आए थे और उन्होंने देखा कि अंग्रेज भारतीयों पर कई सारे अत्याचार कर रहे हैं भारत का हर एक वर्ग दुखी है। गांधी के 1890 में वकालत करने के लिए दक्षिण अफ्रीका चले गए और उन्होंने वहां अंग्रेजो के खिलाफ अपना प्रथम सत्याग्रह आंदोलन चलाया।
गांधी जी की भारत वापसी और भारत स्वतंत्रता संग्राम 1915 में गांधीजी पत्रिका से वापस आ गए और 1916 में गांधी जी ने अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की स्थापना की। 1917 में चंपारण विद्रोह में गांधीजी को आमंत्रित किया गया और भारत ने गांधी जी का प्रथम सत्याग्रह चंपारण आंदोलन था इसके बाद गांधीजी ने अंग्रेजो के खिलाफ जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरुद्ध असहयोग आंदोलन चलाया।
गांधीजी ने साइमन कमीशन के विरुद्ध में नमक कानून को भंग किया और 1928 में पूर्ण स्वराज की मांग रखी। गांधी इरविन समझौता के बाद गांधी जी ने गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया।
1942 में गांधीजी ने अंग्रेजो के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन शुरू कर दिया और करो या मरो का नारा दिया और भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गांधी जी को जेल में डाल दिया गया। अंत में भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को मिल गई।
महात्मा गांधी जी पर 150 शब्दों का निबंध
जन्म परिचय
महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर अट्ठारह सौ उनसठ को पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ है। उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था।
1915 में दक्षिण अफ्रीका से वापस लौटे थे और उन्होंने भारत में प्रथम सत्याग्रह आंदोलन 1917 में चंपारण में चलाया था। गांधीजी ने अंग्रेजो के खिलाफ असहयोग आंदोलन, खिलाफत आंदोलन ,सविनय अवज्ञा आंदोलन, नमक कानून छोड़ो आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन आदि चलाएं। गांधी जी के द्वारा ही भारत छोड़ो आंदोलन नारा दिया गया था।
गांधी जी ने दलित वर्ग के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किए थे और भारतीय अर्थव्यवस्था को सर्वोदय मॉडल के आधार जिसमें सामाजिक वर्ग का महत्वपूर्ण योगदान होना चाहिए।
गांधी जी का साहित्यिक योगदान
गांधी जी ने साहित्य क्षेत्र में भी प्रसिद्धि प्राप्त की है। गांधीजी ने भारत छोड़ो आंदोलन के तहत अलग राज्यों की यात्रा की थी और उन्होंने इसी दौरान कई सारी पुस्तक के लिखी गांधीजी की प्रसिद्ध पुस्तक यंग इंडिया और हिंद स्वराज महत्वपूर्ण है।
FAQ
महात्मा गांधी जी पर निबंध कैसे लिखें हिंदी में
सरल शब्दों में गांधी जी कौन थे?
महात्मा गांधी का धर्म कौन सा था?
महात्मा गांधी का पहला आंदोलन कौन सा था?
महात्मा गांधी जी पर निबंध 50 लाइन का
महात्मा गांधी जी पर 10 शब्दों का निबंध लिखिए?
महात्मा गांधी का क्या महत्व है?
महात्मा गांधी की क्या विशेषता है?
महात्मा गांधी से हम क्या सीख सकते हैं?
निष्कर्ष
महात्मा गांधी जी को भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में सम्मान दिया जाता है और आज अमेरिका यूरोप आदि देशों में गांधी जी की मूर्तियां स्थापित हैं।
गांधीजी एक स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ एक अच्छे साहित्यकार भी रहे हैं। गांधीजी ने अंग्रेजो का हमेशा सहयोग किया और अपने देश को भी आजाद कराया प्रथम विश्व युद्ध में गांधीजी ने अंग्रेजो का साथ दिया था और तृतीय विश्व युद्ध में भी अंग्रेजों का साथ दिया।
महात्मा गांधी जी सामाजिक आर्थिक राजनीतिक और धार्मिक कार्यों से समाज में अपनी एक अलग पहचान बना पाए। गांधीजी की साधारण जीवन व्यतीत करते थे और उन्हें पश्चिमी संस्कृति का असर नहीं पड़ा था जबकि उन्होंने पढ़ाई लंदन से की थी।