जानिए भाषा कितने प्रकार की होती है विस्तार से

“भाषा है तो शब्द है, शब्द है तो भाषा है, भाषा के बिना व्यक्ति अधूरा है, व्यक्ति के बिना भाषा अधूरी है”।

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बहुत सारे स्टूडेंट सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे होंगे और सरकारी नौकरी में अधिकतर परीक्षाओं में भाषा कितने प्रकार की होती है यह प्रश्न सबसे ज्यादा पूछा जाता है। आज के इस प्रश्न का उत्तर हम आपको इस लेख के माध्यम से समझाने वाले हैं।

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व्यक्ति को अपने विचार को आदान प्रदान करने के लिए भाषा की आवश्यकता पड़ती है। व्यक्ति कभी भी बिना भाजपा के अपने विचार दूसरे व्यक्ति को नहीं बता सकता है। दुनिया में भाषा का विकास अलग-अलग तरीके से हुआ है, दुनिया के सभी देश में अलग-अलग प्रकार की भाषा बोली जाती है। सभी देशों में भाषा का विकास अलग-अलग चरणों में हुआ है।

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भारत में भाषा का विकास प्राकृत संस्कृत आदि भाषाओं को बुलाकर हुआ है। भारत में भी भाषा का इतिहास बहुत बड़ा है।

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भाषा क्या है

आज के समय में बिना भाषा के बिना दुनिया अधूरी है एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है तो उसे भाषा का प्रयोग करना पड़ता है। भाषा एक ऐसा साधन है जिसमें वैचारिक ध्वनियों का प्रयोग होता है।

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एक प्रकार से भाषा शब्दों का एक समूह है।

जब कोई व्यक्ति अपने विचार को शब्दों में व्यक्त करता है उसे भाषा कहते हैं। भाषा एक प्रकार की वाणी है। पहले व्यक्ति ने बोलना सीखा उसके बाद व्यक्ति ने लिखना सीखा है। व्यक्ति के लिए भाषा उसी प्रकार आवश्यक है जिस प्रकार खाने के लिए खाना। बिना भाषा के व्यक्ति अपने विचार को नहीं रख सकता है।

भाषा कितने प्रकार की होती है?

विश्व में भाषा 3 प्रकार की ही होती है जैसे:- मौखिक भाषा, लिखित भाषा, सांकेतिक भाषा। इनके बारे में विस्तार से बात करते है।

मौखिक भाषा

मौखिक भाषा उस भाषा को कहते हैं जो व्यक्ति अपने विचार को मुंह के बल बताता है। मौखिक भाषा में व्यक्ति अपने विचार रखो मौखिक रूप से रखता है।

उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति आपस में बात कर रहे हैं तो वह मौखिक भाषा होगी।

लिखित भाषा

लिखित भाषा उस भाषा को कहते हैं जो हम लिख कर बताते हैं। उदाहरण के लिए लिखित भाषा औपचारिक पत्र, टेक्स्ट मैसेज, राइटिंग आदि है।

लिखित भाषा में व्यक्ति अपने विचार को लिखकर लोगों को बताता है इसमे मौखिक भाषा का प्रयोग नहीं होता है।

संकेतिक भाषा

सांकेतिक भाषा उस भाषा को कहते हैं जिसमें व्यक्ति इशारों या संकेत देकर बात करता है। सांकेतिक भाषा का प्रयोग में लोग करते हैं जो बोल नहीं सकते और लिख नहीं सकते हैं।

इन तीनों के अलावा भी अन्य भाषा भी है जैसे संपर्क भाषा, प्रादेशिक भाषा, स्थानीय भाषा आदि।

लेकिन व्याकरण के हिसाब से भाषा के केवल तीन ही प्रकार हैं।

FAQ

भाषा और बोली कितने प्रकार की होती है?

ग्रामर के हिसाब से भाषा केवल तीन प्रकार की होती हैं लेकिन बोली भाषा के अनुसार कई प्रकार की होती है।

भारत में कई प्रकार की बोली है जैसे मराठी, बंगाली, कुमाऊनी, राजस्थानी, गुजराती, मलयालम, आदि।

भारत में भाषा कितने प्रकार की होती है?

हिंदी व्याकरण के हिसाब से भाषा तीन प्रकार की है मौखिक भाषा, लिखित भाषा और सांकेतिक भाषा।

भारत की राष्ट्रभाषा कौन सी है?

भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी और इंग्लिश में। भारतीय संविधान में भारत की राष्ट्रभाषा को हिंदी और इंग्लिश माना गया है।

मौखिक भाषा किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए?

मौखिक भाषा उस भाषा को कहते हैं जब व्यक्ति अपनी किसी विचार को रखने के लिए मुंह का प्रयोग करता है मतलब शब्दों को मुंह से व्यक्त करता है।

उदाहरण के लिए जब कोई व्यक्ति टेलीफोन पर किसी से बात करता है तो वह मौखिक भाषा कहलाती थी।

जब कोई व्यक्ति किसी से आमने सामने बैठकर मुंह से बात करता है यह भी मौखिक भाषा कहलाती है।

जब कोई व्यक्ति भाषण देता है तो वह भी मौखिक भाषा कहलाती है।

मौखिक भाषा का सबसे अच्छा उदाहरण हमारा दैनिक जीवन है हम अपने दैनिक जीवन में हमेशा मौखिक भाषा का ही प्रयोग करते हैं जब हमें अपने माता-पिता से कोई बात कह नहीं होती है तो इसके लिए हम कोई चिट्ठी नहीं लिखते हैं सीधा फोन से अपने माता-पिता से बात कहते हैं या फिर आमने-सामने बैठकर वार्तालाप कर लेते हैं।

भाषा के कितने रूप होते हैं 1234

भाषा के केवल 3 रूप होते हैं।

आज आपने क्या सीखा

आज आपने हमारी वेबसाइट से सीखा है कि भाषा कितने प्रकार की होती है। यह लेख आपकी हिंदी ग्रामर के लिए बहुत आवश्यक और फायदेमंद है। बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जिन्हें भाषा कितने प्रकार की होती है यह भी नहीं पता होता है लेकिन अब इन लोगों को भी इस आर्टिकल से पता लग गया होगा।

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